निकाय चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई, भाजपा ने 36 बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निकाला
UP Nagar Nikay Chunav
वाराणसी: UP Nagar Nikay Chunav: बीजेपी ने बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. मुख्यमंत्री के वाराणसी दौरे के बाद लिए गए इस कड़े निर्णय ने नगर निगम चुनाव में भितरघात करने वालो को कड़ा संदेश देने का काम किया है. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बागी प्रत्याशियों और भाजपा के साथ गद्दारी करने वाले 36 वार्डो के 47 से ज्यादा निवर्तमान पार्षदों, वार्ड, मंडल, महानगर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए बीजेपी से निष्काषित कर दिया है.
भारतीय जनता पार्टी महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर ये कार्रवाई की है. नगर निगम चुनाव में बागी प्रत्याशी बनने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बीजेपी नगर निकाय चुनाव संचालन समिति की संस्तुति के आधार पर बागी प्रत्याशियों पर कार्रवाई हुई है.
इन लोगों को बीजेपी ने निकाला 6 साल के लिए बाहर (BJP expelled these people for 6 years)
बीजेपी प्रत्याशियों के विरोध में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. बीजेपी से 6 साल के लिए निष्काषित किए जाने वालों में सिगरा के निवर्तमान पार्षद मनीष यादव , सराय नंदन के पूर्व कार्यसमिति सदस्य सतीश गुप्ता, रानीपुर के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष दुर्गा सेठ, जोलहा उत्तरी के निवर्तमान पार्षद इंद्रदेव पटवा, शिवाला क्षेत्र के निवर्तमान पार्षद राकेश जायसवाल, बंगाली टोला के पूर्व महानगर कार्यसमिति सदस्य अमर बोस, रामापुरा के अजय वर्मा, पुराना रामनगर के निवर्तमान पार्षद संतोष शर्मा शामिल हैं.
आदि विश्वेश्वर अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष शकील अहमद , चेतगंज के भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व मंडल मंत्री विनय जायसवाल और निवर्तमान पार्षद शंकर साहू, हबीबपुरा के भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर मंत्री मनीष गुप्ता, पितृकुण्ड के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष विजय चौरसिया, पियरीकला के पूर्व पार्षद गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, दुर्गाकुंड के पूर्व मंडल अध्यक्ष देवेश वर्मा, पूर्व बूथ अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पूर्व शक्ति केंद्र संयोजक विपिन गुप्ता शामिल हैं.
अलईपुर के मंडल मंत्री चंद्रकला मौर्या को भी निकाला बाहर (Alaipur's divisional minister Chandrakala Maurya was also thrown out)
इसके साथ ही प्रहलाद घाट के महानगर कार्यसमिति सदस्य सौरभ कक्कड़, काल भैरव के शक्ति केंद्र संयोजक विजय विश्वामभरी, कोनिया के कार्यकर्ता रजत, मध्यमेश्वर के कार्यकर्ता कृष्णकांत तिवारी, तरना के निवर्तमान पार्षद संदीप त्रिपाठी, सरसोली के निवर्तमान पार्षद सुनील सोनकर व शक्ति केंद्र संयोजक विकास जायसवाल, नारायणपुर के मंडल उपाध्यक्ष अनिल मौर्या , दीनदयालपुर के मंडल मंत्री राजकुमार जायसवाल व अलईपुर के मंडल मंत्री चंद्रकला मौर्या शामिल हैं.
कड़े एक्शन के लिए बीजेपी की बनी मजबूरी (BJP's compulsion for strict action)
आपको बता दें कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से पर्चा भरा था तभी से ही वाराणसी के सभी चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन जाते हैं. ऐसे में बागियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेना बीजेपी के आलाकमान के लिए कुछ मजबूरियां भी बन जाती है. भारतीय जनता पार्टी सभी राजनीतिक दलों में सबसे अनुशासित पार्टी मानी जाती है. ऐसे में उसके प्रधानमंत्री की ही क्षेत्र में इतने बागी खड़े हो जाएंगे तो यह बीजेपी के लिए भी अपमानजनक होगा.
यही कारण है कि कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में प्रबुद्ध जन सम्मेलन में इशारा कर दिया था कि बागी वापस लौटे सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा. लेकिन बागियों के तेवर में कोई कमी नही दिखी जिसके परिणाम स्वरूप आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर वाराणसी महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने भाजपा नगर निकाय चुनाव संचालन समिति की संस्तुति पर 36 वार्ड के चार दर्जन से ज्यादा पूर्व पार्षदों,वार्ड , मंडल व महानगर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को 6 वर्षो के लिए आउट कर दिया.